Hardoi जिला इन दिनों काफी चर्चाओं में बना हुआ है कोई ना कोई ऐसी घटना होती है जिससे हरदोई एक चर्चा का विषय बन जाता है
ऐसी ही अजीबोगरीब घटना Hardoi के सांडी थाना के बरंडारी गांव से आ रही है जहां पान मसाला बेचने वाले ने एक शख्स पर ₹10 न चुकाने को लेकर पुलिस बुला ली।
पुलिस के पहुंचने से पहले दे दिए 10 रूपये
जितेंद्र कुमार जोकि एक हाथ से विकलांग है वह गांव में ही एक छोटी सी पान की दुकान चलाते हैं गांव के ही एक शख्स जिसका नाम संजय है डेढ़ साल पहले उसने ₹10 की गोमती खाई थी और उसका पैसा बकाया कर दिया था ।
जब-जब जितेंद्र ने उसे शख्स से ₹10 मांगी उसने बात को टाल दी और पैसा देने से मना कर दिया लेकिन जब जितेंद्र की सब्र की सीमाओं पर हुई तो तकरीबन डेढ़ साल बाद फिर से संजय से ₹10 अपने मांगे गुटके के तो संजय ने फिर देने से मना कर दिया ।
जिससे जितेंद्र काफी नाराज हुआ और पुलिस को फोन करके बुला लिया जैसे ही जितेंद्र ने पुलिस को फोन किया संजय ने उसके डेढ़ साल पुराने ₹10 उधर तुरंत दे दिए। लेकिन जितेंद्र ने पुलिस को फोन कर दिया था ।
पुलिस 112 घटनास्थल पर पहुंचती है और पूरे मामले को जानने की कोशिश करती है तब पता चलता है सिर्फ ₹10 के लिए पुलिस बुलाई है पुलिस भी आश्चर्यचकित रह जाती है।
और दोनों लोगों को समझा बूझकर जितेंद्र के ₹10 दिलाकर वहां से चली जाती है।
लेकिन यह मामला सोचने के लिए मजबूर करता है
ऐसे ही घटना Hardoi में कुछ दिन पहले एक शराबी ने ₹200 के लिए पुलिस को बुलाया था मामला यह नहीं है मामला यह है कि लोग छोटी-छोटी चीजों के लिए कितने बड़े अपराध के पीछे जा सकते हैं ।
यहदिखता है मामला सिर्फ ₹10 का था लेकिन यही बात अगर बढ़ जाती तो आपस में लड़ाई भी होती और कुछ गंभीर हादसा भी हो सकता था लेकिन व्यक्ति की सूझबूझ ने यह भी दर्शाया कि इंसान अपनी हक के लिए आजकल समझदार हो चुका है ।
और लड़ने के लिए तैयार है कानूनी तौर पर वहीं जब यह मामला लोगों के बीच जाता है तो काफी चर्चा का विषय बन जाता है कि एक व्यक्ति सिर्फ ₹10 के लिए पुलिस बुला लिया और पुलिस के आते ही ₹10 का कर्जदार संजय ने तुरंत ₹10 उसके दे दिए ।
वहीं जितेंद्र की तारीफ भी हो रही है कि अपनी हक के लिए उसने पुलिस को बुलाया और अपने हक का पैसा डेढ़ साल बाद लिया जितेंद्र की हर और तारीफ भी हो रही है इस समझदारी के लिए ।
समाज में बढ़ती मानसिकता और विवादों की घटनाएं
इस घटना ने यह सवाल भी खड़ा किया है कि क्यों छोटे-छोटे विवादों में भी लोगों को पुलिस का सहारा लेना पड़ता है। क्या हमें अपनी समस्याओं का हल पहले आपसी बातचीत और समझौते से नहीं निकालना चाहिए?
यह घटना उस मानसिकता को भी उजागर करती है, जहां लोग छोटी-सी बात को भी तूल दे देते हैं और पुलिस का सहारा लेने में हिचकिचाते नहीं हैं। पूरे क्षेत्र में यह घटना चर्चा का विषय बन चुकी है।
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